ये इश्क मुहब्बत प्यार की बातें

14 06 2009

ये इश्क मुहब्बत प्यार कि बातें ,
बाकी हैं बेकार कि बातें ,
कल तक मै ये कहता था .
यादों में खोया रहता था,
.
अब भी खोया रहता हूँ ,
सोकर भी जगा मैं रहता हूँ ,
जगकर भी सोया रहता हूँ ,
अब भी करती परेशान मुझे ,
पता नही क्यूँ प्यार कि बातें .
.
वो पहली बार नजरों का मिलना,
वो पहली बार इजहार कि बातें ,
wo नजरों से इकरार कि बातें ,
और होठों से इनकार कि बातें ,
.
अब भी याद जब उसे करता हूँ ,
तकिया बाँहों में भरता हूँ ,
कल दूर हुआ तो दिल रोया था ,
अब पास जाने से डरता हूँ
.
फिर भी करती परेशान मुझे ,
उसके आने के इन्तजार कि बातें ,
वो कैंटीन के कोने में बैठ ,
करना, प्यार और मनुहार कि बातें ,
.
जब इश्क ने बहुत सताया था
तब दिल को बहुत समझाया था
दिल को करने के लिए हल्का ,
तब माँ बाबूजी को बताया था ,
.
दिन याद है मुझे वो अब भी ,
वो बाबूजी की डांट फटकार कि बातें ,
याद है मेरा वो चुप रहना ,
और वो माँ-बाबूजी का कहना,
कि ये इश्क मुह्हबत प्यार कि बातें ,
ये सब हैं बेकार कि बातें ….
.
पर जब इश्क कोई फ़रमाता है ,
तो इश्क खुदा हो जाता है ,
दुनिया कि फिक्र को छोड़ ,
तब वो अपने में खो जाता है,
.
पर मै तब बहुत रोया था ,
उस रात मैं नही सोया था ,
भूल नही पाता है कोई ,
वो पल और वो हसीं मुलाकातें ,
वक़्त कि राहों में गुम हो गयी ,
वो हँसते दिन वो चांदनी रातें ,
.
अब पता नही क्यूँ डरता हूँ ,
मैं इश्क के किसी तराने से
ये इश्क सिर्फ एक धोखा है ,
बस यही कहता हूँ जमाने se ,
.
jo दूर है इससे, वो पछताये ,
जो पास इसके, वो रोता है ,
कुछ खोने वाला कुछ पा बैठा ,
कुछ पाने वाला कुछ खोता है
.
इसलिए कहता है “राजीव ”
कि तुम रोक लो अपनी जजबातें,
ये इश्क मुहब्बत प्यार कि बातें ,
ये बस हैं बेकार कि बातें
ये इश्क मुहब्बत प्यार कि बातें ,
ये हैं बस बेकार कि बातें !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!


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2 responses

18 10 2009
anuranjan pandey

what a poetry……….
really great ………………great bole to bindas………. keep it on……………
thanks.

21 10 2009
rajeevkumarpandey

thnks for coment
just chek it out and let me know abt my progress in writing

hwever a lot of thnks for ur comments

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